शब्द और पद में अंतर
शब्द- शब्द भाषा की स्वतंत्र इकाई है। वर्णों के मेल से बने सार्थक समूह को शब्द कहते हैं । जैसे मोहन, इलाहाबाद, ईमानदारी।
पद- शब्द व्याकरण के नियमों में बंध कर वाक्य में प्रयोग किया जाता है तब शब्द पद बन जाते हैं।
जैसे : रमेश पढ़ता है ।
इस वाक्य में रमेश और पढ़ता है, दो पद है ।
परिभाषा :- पद परिचय वाक्य में प्रयुक्त पदों का विस्तृत व्याकरणिक परिचय देना ही पद परिचय कहलाता है।
वाक्य के पदों का परिचय उनके स्वरूप एवं दूसरे पदों के साथ उनके संबंध को बताना है।
जैसे- महेश मास्क लगाता है।
महेश पद का व्याकरणिक परिचय होगा - व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, कर्ता कारक और लगाता है क्रिया का कर्ता है।
विशेष – साधारणत; पद परिचय में सबसे पहले पद को पहचान लेना चाहिए कि वह शब्दों के किस भेद से संबंध रखता है इसके बाद निर्देशों के अनुसार उसकी व्याकरणिक अस्तित्व को उजागर करना चाहिए अर्थात उसकी व्याकरणिक भूमिकाओं का उल्लेख करना चाहिए।
तात्पर्य है कि उस पद की क्या स्थिति है, उसका क्या लिंग है, उसका वचन क्या है, उसमें कौन से कारक का प्रयोग किया गया है तथा अन्य पदों के साथ उसका क्या संबंध है । आदि का परिचय देना ही पद परिचय है ।
पद-परिचय के आवश्यक पहलू:-
पद – परिचय देते समय निम्न बातों की जानकारी होनी आवश्यक है :-
संज्ञा – संज्ञा के तीनों भेद, लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंध |
सर्वनाम- सर्वनाम के भेद, पुरुष, लिंग, वचन, कारक, क्रिया के साथ संबंध|
विशेषण- विशेषण के भेद, लिंग, वचन, विशेष्य, प्रविशेषण
क्रिया – क्रिया के भेद, लिंग , वचन , धातु, काल , वाच्य , प्रयोग, कर्ता और कर्म का संकेत
क्रियाविशेषण- भेद, जिस क्रिया की विशेषता बताई गई हो उसके बारे में निर्देश|
समुच्चय बोधक – भेद, संयुक्त शब्दों, वाक्यांशों तथा वाक्यों का उल्लेख |
संबंधवोधक – भेद, पदों, पदबंधों, वाक्यांशों से संबंध का निर्देश
विस्मयादिबोधक- भेद का नाम
उदाहरणः-
1. राकेश यहॉं दसवीं कक्षा में पढ़ता है।
राकेश - संज्ञा ; व्यक्ति वाचक , पुलिंग, एक वचन,कर्ता- कारक, पढ़ता था क्रिया का कर्ता।
यहां - स्थान वाचक क्रिया विशेषण, पढ़ता था क्रिया का स्थान निर्देश।
दसवीं - विशेषण, क्रम सूचक ; संख्या वाचकद्ध ,स्त्राीलिंग, एक एचन, कक्षा विशेषण।
कक्षा में - जातिवाचक संज्ञा, स्त्राीलिंग,एकवचन,अधिकरण कारक।
पढ़ता था - अकर्मक क्रिया, पद,धातु, अन्य पुरूष , पुलिंग, एक वचन, भूतकाल, निश्चयार्थ, कर्तृ प्रयोग ; कर्ता राकेश है।
2. हम बाग में गए परन्तु वहॉं कुछ नहीं था।
हम - पुरूष वाचक सर्वनाम ; उत्तम पुरूष द्ध ,पुलिंग,बहुवचन कर्ताकारक गए क्रिया का कर्ता ।
परन्तु - समुच्य बोधक ; व्यधिकरण
3. आजकल नरेश सफेद पैंट पहनता है।
नरेश - व्यक्ति वाचक संज्ञा, पुलिंग, एक वचन, कर्ता- कारक, पहनता है क्रिया का कर्ता।
सफेद- गुणवाचक विशेषण, एक वचन, स्त्रीलिंग, पैंट विशेष्य का विशेषण।
4. मैं नहा कर पुस्तक पढूंगा।
मैं- पुरूष वाचक सर्वनाम, उत्तम पुरूष, एक वचन, पुलिंग, कर्ता कारक, पढूगा क्रिया का कर्ता।
नहा कर - पूर्व कालिक क्रिया नहा धातु कर्तृवाच्य भविष्य काल, पुस्तक पढूगा की पूर्व कालिक क्रिया।
5. मैं धीरे-धीरे चलता हूँ |
धीरे-धीरे- क्रिया विशेषण, रीतिवाचक क्रिया विशेषण, ‘चलता हूँ’ विशेष्य |
6. यह किताब मेरी है |
यह- विशेषण, सर्वनामिक विशेषण, एकवचन , स्त्रीलिंग |
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