गुरुवार, 16 सितंबर 2021

प्रत्यय

प्रत्यय

जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पीछे या अन्त में जुडकर नवीन शब्द का निर्माण करके पहले शब्द के अर्थ में परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते हैं | कभी कभी प्रत्यय लगाने पर भी शब्द के अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं होता है |
जैसे बल - बालक ,मृद-मृदाल |
प्रत्यय लगने पर शब्द एवं शब्दांश में संधि नहीं होती बल्कि शब्द अंतिम वर्ण में मिलने वाले प्रत्यय के स्वर की मात्रा लग जाती है ,व्यंजन होने पर वह यथावत रहता है |
जैसे लोहा + आर = लोहार, नाटक + कार = नाटकार |
शब्द-रचना में प्रत्यय पर कही पर अपूर्ण क्रिया , कही पर सम्बन्धवाचक और कही पर भाववाचक के लिए प्रयुक्त होते है |
जैसे मानव + ईय =मानवीय |
लघु +ता =लघुता |

हिंदी में प्रत्यय तीन प्रकार के होते है –

1 संस्कृत का प्रत्यय
2 हिंदी का प्रत्यय
3 विदेशी भाषा का प्रत्यय

1.संस्कृत का प्रत्यय :

संस्कृत व्याकरण में शब्दों ओंर मूल धातुओं से जो प्रत्यय जुड़ता है ,
जैसे– • तृ (ता) – पिता,कृत ,दाता,ध्याता,जाता |
• अक –पाठक ,बालक ,विचारक ,गायक |
• त- आगत ,विगत ,विश्रुत ,कृत |
• तव्य – कर्तव्य ,गन्तव्य ,ध्यातव्य |
• य – नृत्य ,पूज्य ,खाद्य |
• ईय – पठनीय,पूजनीय,स्मरणीय |
• अन – पठन ,हवन ,गमन |
• ति – गति ,मति , रति |
• अ – जय ,लाभ ,विचार |
• अव –लाधव ,गौरव |
• त्व – महत्व ,गुरुत्व ,लघुत्व |
• ता –लघुता ,गुरुता ,मनुष्यता ,कविता |
• इमा –महिमा ,गरिमा |
• य –चातुर्य ,माधुर्य,सौंदर्य |
• एव – शैव ,वैष्णव |
• इक – लौकिक, धार्मिक, वार्षिक |
• इत - पंडित, प्रचलित, मोहित |
• इल –जटिल,फेनिल |
• ईय –भारतीय, प्रांतीय, नाटकीय, भवदीय |
• य –ग्राम्य ,काम्य,हास्य ,भव्य |
• अ– पार्थ, पाण्डव, माधव, राघव, भार्गव |
• इ– दशरथि, मारुति, सौमित्र |
• य– गालव्य, शाक्य, गार्ग्य |
• म – प्रथम,पंचम,नवम,दशम |
• थ /ठ –चतुर्थ,षष्ठ |
• तीय –द्वितीय,तृतीय
• तर-अधिकतर,गुरुतर,लघुतम |
• ईय–गरीय ,वरीय,लधीय |
• वान् – धनवान्, बलवान् |
• मान् – बुद्धिमान्, शक्तिमान्, गतिमान्, आयुष्मान |
• आलु – कृपालु, दयालु, शंकालु |
• ई – क्रोधी, धनी, लोभी, गुणी |

2.हिंदी के प्रत्यय

संस्कृत की तरह ही हिंदी के भी अनेक प्रत्यय होते है | ये प्रत्यय यद्यपि कृदंत और तद्धित की तरह जुड़ते है, परन्तु मूल शब्द के तद्भव या देशज होते है | हिंदी के सभी प्रत्ययों कों निम्न वर्गों में सम्म्लित किया जाता है |
जैसे- • प्रत्यय –शब्द ,रुप |
• आर – सुनार ,लोहार |
• इया – दुखिया,सुखिया ,रसिया ,गडरिया |
• इयल – मरियल ,सडियल ,दढियल |
• एरा – सपेरा, लुटेरा,कसेरा,लखेरा |
• वाला – धारवाला ,मोटरवाला |
• आ – प्यासा, भूखा |
• आई –मिठाई, रंगाई, सिलाई, भलाई |
• आका - धमाका ,धडाका ,भडका |
• आस –मिठास ,खटास ,भड़ास |
• पन –लड़कपन ,बचपन |
• आई – बहनोई, ननदोई, रसोई |
• आडी – खिलाड़ी ,पहाड़ी ,अनाड़ी |
• एरा – चचेरा ,ममेरा ,फुफेरा |
• आरी – लुहारी ,सुनारी ,मनिहारी |
• आल – ननिहाल ,ससुराल |
• ई – रस्सी, कटोरी, टोकरी |
• इया –खटिया, लुटिया, चुटिया, पुडिया |
• डा – मुखडा, दुखडा, चमड़ा |
• डी – टुकड़ी, पगड़ी |
• था –चौथा |
• रा – दूसरा ,तीसरा |
• ला –पहला |
• हरा –इकहरा ,दुहरा ,तिहरा |
• सा – मुझ - सा, तुझ – सा, नीला - सा |
• हरा – दुहरा, तिहरा, चौहरा |
• हला – सुनहला, रुपहला |
• आ – मीठा, ठंडा, प्यासा, भूखा, प्यारा |
• ईला –लचीला, गँठीला, सजीला, रंगीला |
• ऐला – मटमैला, विषैला |
• आऊ –बटाऊ, पंडिताऊ, खटाऊ |
• ता – मूर्खता, लघुता, कठोरता, मृदुता |
• ई – पंजाबी, गुजराती, मराठी, बीकानेरी |
• इया – जयपुरिया |
• आना – राजपूताना, तेलंगाना |

3.विदेशी प्रत्यय

हिंदी में उर्दू के ऐसे प्रत्यय है, जो मूल रुप से अरबी ,फारसी भाषा से अपनाये गये है|
जैसे- • आबाद – अहमदाबाद , इलहाबाद |
• खाना – दवाखाना , छापाखाना |
• गर – जादूगर , बाजीगर |
• ईचा – बगीचा , गलीचा |
• ची – खजानची ,मशालची ,तोपची |
• दार – मालदार , दूकानदार ,जमीनदार |
• दान – कलमदान , पीकदान ,पायदान |
• बान – कोचवान ,बागबान |
• बाज – नशेबाज ,दगाबाज |
• मन्द – अकलमन्द ,भरोसेमन्द |
• नाक – दर्दनाक ,शर्मनाक |
• गी – दीवानगी , ताजगी |
• गीर – राहगीर , जहाँगीर |

हिंदी के प्रयुक्त प्रमुख प्रत्यय व उनसे बने प्रमुख शब्द –

• अ – शैव ,वैष्णव ,तैल ,पार्थिव , मानव ,वासुदेव , मार ,लूट |
• अक – चालक ,पावक ,पाठक , लेखक ,पालक ,खटक ,नायक |
• अंत – गढंत ,लड़ंत ,भिडंत ,रटंत ,कृदंत ,फलंत |
• अतीत – कालातीत ,आशातीत , गुणातीत , स्मरणातीत |
• इक – मानसिक , मार्मिक , पारिश्रमिक , ऐतिहासिक , धार्मिक |
• इम – अग्रिम , अंतिम , स्वर्णिम |
• उ – लघु, भानु, गुरु, अनु, भिक्षु, शिशु, वधु |
• एरा – लुटेरा , सपेरा ,चचेरा , ममेरा ,फुफेरा |
• कर – दिनकर , दिवाकर , हितकर, प्रभाकर, सुनकर |
• का – गुटका ,मटका ,टपका ,कालका |
• खाना – दवाखाना ,तोपखाना ,कारखाना ,छापाखाना |
• गर – जादूगर ,नीलगर ,कारीगर ,बाजीगर ,सौदागर ,कामगर |
• गुना – दुगना , तिगुना ,चौगुना ,सौगुना |
• चर – जलचर , नभचर , निशाचर ,उभयचर ,खेचर |
• ता – दाता , जाता , सुंदरता , मधुरता , मानवता |
• था – अन्यथा ,प्रथा ,पृथा ,वृथा ,कथा |
• दा – सर्वदा ,सदा ,यदा ,कदा ,परदा ,नर्मदा |
• दायी – आनंददायी ,सुखदायी ,उतरदायी ,फलदायी |
• धा – बहुधा ,अभिधा ,समिधा ,विविधा ,वसुंधा ,नवधा |
• ना – नाचना , गाना ,कूदना ,टहलना ,भावना ,कमाना |
• प – महीप , मधुप , जाप ,समताप ,मिलाप |
• बंद – कमरबंद ,बाजूबंद ,मोहरबंद |
• मती – श्रीमती ,बुद्धिमती ,वीरमती ,रूपमती |
• रू – दारू , चारु , शुरू ,डमरू |
• वा – बचवा ,पुरवा ,बछवा , मनवा |
• वाई – बनवाई ,सुनवाई ,तुलवाई , पुरवाई |
• वाल – कोतवाल ,पालीवाल ,धारीवाल |
• वी – तेजस्वी ,तपस्वी ,मेधावी ,मायावी ,मनस्वी |
• शाली – प्रतिभाशाली , गौरवशाली ,शक्तिशाली ,भाग्यशाली |
• साज – जालसाज , जिल्दसाज |
• हर – मनोहर ,खंडहर , नहर , पीहर |
• हीन – कर्महीन , बुद्धिहीन ,कुलहीन ,बलहीन ,मतिहीन ,धनहीन |

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